Gold Price 18 July: 18 जुलाई 2025 को सोने-चांदी की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसने निवेशकों को चौंका दिया। खासकर 24 कैरेट सोने के दाम में ₹1000 से ज्यादा की कमी देखी गई है। यह गिरावट अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मजबूती और ग्लोबल डिमांड में गिरावट के चलते हुई है। भारत में सोना लंबे समय से ऊंचाई पर बना हुआ था, लेकिन अब इसमें अचानक गिरावट आई है। इससे उन लोगों को राहत मिली है जो शादी, त्योहार या निवेश के लिए सोना खरीदने का इंतजार कर रहे थे। ज्वैलरी शॉप्स पर सुबह से ही ग्राहकों की भीड़ देखी जा रही है और कई जगहों पर एडवांस बुकिंग भी शुरू हो चुकी है।
दिल्ली और मुंबई रेट
दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत आज ₹73,850 प्रति 10 ग्राम रही, जो कल के मुकाबले ₹1,040 कम है। वहीं मुंबई में यही रेट ₹73,620 प्रति 10 ग्राम रिकॉर्ड किया गया। 22 कैरेट सोना भी ₹950 तक सस्ता हुआ है, जिससे आम खरीदारों को सीधा फायदा मिल रहा है। मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में कीमतों में अंतर टैक्स और लोकल चार्जेस के कारण होता है। इस बार सोने की गिरावट पूरे देशभर में लगभग एकसमान देखी गई है। खास बात यह है कि यह गिरावट त्योहारी सीजन से ठीक पहले आई है, जिससे ज्वैलर्स को उम्मीद है कि बिक्री में भारी उछाल देखने को मिलेगा।
चांदी भी हुई सस्ती
सोने के साथ-साथ चांदी के भाव में भी आज बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। 18 जुलाई को चांदी की कीमत ₹1,200 तक नीचे आ गई है, जिससे इसका रेट अब ₹91,500 प्रति किलो पर आ गया है। चांदी की यह गिरावट मुख्य रूप से इंडस्ट्रियल डिमांड में आई कमी और एक्सपोर्ट मार्केट में कमजोरी के कारण देखी जा रही है। घरेलू बाजारों में चांदी के भाव में उतार-चढ़ाव आम बात है, लेकिन एक ही दिन में इतनी बड़ी गिरावट निवेशकों के लिए एक खास मौका बन गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में चांदी की मांग अधिक रहती है, ऐसे में यह गिरावट उनके लिए फायदे का सौदा बन सकती है।
शादी वालों को राहत
सोने की कीमत में अचानक आई यह गिरावट उन लोगों के लिए सुनहरा मौका बनकर आई है, जिनके घरों में आने वाले महीनों में शादी या कोई बड़ा फंक्शन है। अब तक महंगे सोने की वजह से कई लोग खरीदारी टाल रहे थे, लेकिन अब कीमतें गिरने से उन्हें बड़ी राहत मिली है। ज्वैलरी शोरूम्स में सुबह से ही रौनक देखी जा रही है और कई लोग भारी मात्रा में गहनों की बुकिंग कर रहे हैं। ज्वैलर्स ने भी कई प्रमोशनल ऑफर्स और छूट की घोषणा की है, जिससे लोगों को और ज्यादा फायदा मिल रहा है। इस समय सोना खरीदना बेहद समझदारी भरा कदम हो सकता है।
निवेशकों के लिए मौका
सोने की गिरती कीमतें सिर्फ खरीदारों के लिए नहीं, बल्कि निवेशकों के लिए भी एक बड़ा मौका हैं। निवेश के लिहाज से सोना हमेशा सुरक्षित संपत्ति माना गया है, और जब कीमतें गिरती हैं तो लॉन्ग टर्म निवेश के लिए यह आदर्श समय बन जाता है। कई फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगले कुछ महीनों में कीमतें फिर ऊपर जा सकती हैं। ऐसे में अगर कोई आज निवेश करता है तो वह आने वाले समय में अच्छा मुनाफा कमा सकता है। सोने के सिक्के, गोल्ड ईटीएफ, डिजिटल गोल्ड जैसे विकल्प अब अधिक आकर्षक हो गए हैं क्योंकि कीमतें फिलहाल अपने निचले स्तर पर हैं।
क्या है गिरावट की वजह
18 जुलाई को सोने और चांदी की कीमतों में आई गिरावट के पीछे कई अहम कारण हैं। सबसे बड़ा कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर का मजबूत होना है, जिससे सोने की ग्लोबल कीमतों पर दबाव पड़ा है। इसके अलावा अमेरिका में ब्याज दरें स्थिर रहने की संभावना, चीन की गोल्ड डिमांड में कमी और कच्चे तेल के दामों में स्थिरता ने भी सोने की कीमत को प्रभावित किया है। घरेलू स्तर पर भी रुपये की मजबूती और शेयर बाजार की तेजी ने निवेशकों का ध्यान गोल्ड से हटाया है। इन सभी फैक्टर्स ने मिलकर आज के दिन को सोना खरीदने के लिहाज से बेहद खास बना दिया है।
आने वाले दिनों का अनुमान
विशेषज्ञों की मानें तो यह गिरावट स्थायी नहीं हो सकती। त्योहारी सीजन, शादी का समय और निवेशकों की वापसी से कीमतों में फिर से उछाल आ सकता है। यदि आप लंबे समय के लिए सोना रखना चाहते हैं, तो यह सही समय हो सकता है। लेकिन अगर आप शॉर्ट टर्म में ट्रेडिंग सोच रहे हैं, तो थोड़ी सतर्कता जरूरी है। बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा और यह गिरावट कुछ ही दिनों की हो सकती है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि खरीदारी करने से पहले कीमतों की पुष्टि करें और केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही लेन-देन करें।
अस्वीकृति
यह लेख केवल आम जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है और इसका उद्देश्य किसी भी प्रकार की वित्तीय सलाह देना नहीं है। इसमें शामिल कीमतें विभिन्न शहरों से प्राप्त औसत आंकड़ों पर आधारित हैं जो समय और बाजार की स्थिति के अनुसार बदल सकते हैं। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी निवेश या खरीदारी से पहले संबंधित अधिकृत स्रोतों या अपने वित्तीय सलाहकार से जानकारी जरूर प्राप्त करें। बाजार में उतार-चढ़ाव संभावित होते हैं और इसका जोखिम भी खुद उठाना पड़ता है। लेखक और प्रकाशक की किसी भी प्रकार के नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।