Loan Guarantor Rule: आज के समय में जब कोई करीबी या रिश्तेदार लोन लेता है, तो वह हमसे गारंटर बनने की उम्मीद करता है। लेकिन अब यह काम उतना आसान नहीं रहा, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने लोन गारंटी को लेकर एक बड़ा और सख्त नियम लागू कर दिया है। इस नए नियम के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति लोन का गारंटर बनता है और लोन लेने वाला पैसा नहीं चुकाता, तो बैंक अब सीधे गारंटर से वसूली कर सकता है। इतना ही नहीं, अगर गारंटर के पास पैसे चुकाने की क्षमता है और वह जानबूझकर भुगतान नहीं करता, तो बैंक उसे ‘जानबूझकर चूककर्ता’ यानी wilful defaulter घोषित कर सकता है। इसलिए अब गारंटर बनने से पहले आपको पूरी जिम्मेदारी समझना जरूरी है।
RBI ने क्यों लिया यह बड़ा फैसला
भारतीय रिजर्व बैंक ने यह फैसला इसलिए लिया है, क्योंकि कई बार लोन लेने वाला पैसा नहीं चुकाता और बैंक को उसकी रिकवरी में दिक्कत आती है। पुराने नियमों में बैंक पहले लोन लेने वाले पर कार्रवाई करता था और फिर गारंटर के पास पहुंचता था। लेकिन अब RBI ने यह प्रक्रिया बदल दी है। अब बैंक को यह अधिकार मिल गया है कि वह सीधे गारंटर से वसूली कर सकता है। अगर गारंटर के पास पर्याप्त साधन हैं और फिर भी वह भुगतान नहीं करता, तो उसे wilful defaulter घोषित कर दिया जाएगा। RBI का कहना है कि गारंटर बनने का मतलब केवल हस्ताक्षर करना नहीं है, बल्कि यह एक कानूनी जिम्मेदारी है जिसे समझदारी से निभाना चाहिए।
नए नियम किन लोगों पर लागू होंगे
RBI के नए नियम केवल उन गारंटर पर लागू होंगे, जो भविष्य में किसी लोन के लिए गारंटी देंगे। यानी यह नियम पुराने मामलों पर लागू नहीं होगा। इसका मतलब यह हुआ कि यदि आपने पहले किसी का गारंटर बनकर साइन किया है, तो आप इस नए नियम की परिधि में नहीं आएंगे। लेकिन अगर अब या आने वाले समय में आप किसी लोन के लिए गारंटर बनते हैं, तो यह नियम आप पर लागू होगा। इसीलिए अगर आप अभी किसी के लिए गारंटी देने जा रहे हैं, तो पूरी प्रक्रिया को ध्यान से समझ लें और जोखिम का सही मूल्यांकन कर लें। नहीं तो बाद में भारी पछताना पड़ सकता है।
गारंटी देने से पहले किन बातों का रखें ध्यान
अगर कोई आपसे गारंटी देने की बात करता है, तो सबसे पहले आपको यह देखना चाहिए कि वह व्यक्ति लोन चुकाने की स्थिति में है या नहीं। उसकी कमाई कितनी है, उसका क्रेडिट स्कोर क्या है और उसने पहले कोई लोन लिया है, तो उसका ट्रैक रिकॉर्ड कैसा रहा है। इसके अलावा, आपको खुद की वित्तीय स्थिति भी देखनी चाहिए। अगर किसी कारणवश लोन लेने वाला पैसा नहीं चुका पाया, तो क्या आप उसके बदले पूरा लोन चुका सकते हैं। अगर नहीं, तो गारंटी देना आपके लिए बहुत बड़ा खतरा हो सकता है। इसलिए गारंटी देने से पहले सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए, क्योंकि यह कानूनी जिम्मेदारी होती है।
गारंटर बनने से क्या-क्या हो सकता है नुकसान
गारंटी देना अगर समझदारी से नहीं किया गया, तो यह आपके लिए भारी मुसीबत बन सकता है। अगर लोन लेने वाला डिफॉल्ट कर जाता है और बैंक आपसे पैसे मांगता है, तो आपको वह राशि चुकानी होगी। और अगर आपने भी भुगतान नहीं किया, तो बैंक आपको wilful defaulter घोषित कर देगा। इससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री खराब हो जाएगी और भविष्य में आप खुद किसी भी बैंक से लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं ले पाएंगे। इसके अलावा, कोर्ट केस और संपत्ति जब्ती जैसी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। यानी एक गारंटी आपकी पूरी आर्थिक स्थिति बिगाड़ सकती है।
बैंक अब सीधे क्यों करेगा गारंटर से वसूली
RBI के नए नियम के तहत, बैंक अब यह देखने की बजाय कि लोन लेने वाला पैसा चुका रहा है या नहीं, सीधे गारंटर से भी वसूली कर सकता है। अगर गारंटर की आर्थिक स्थिति ठीक है, तो बैंक उसे पैसे चुकाने का नोटिस भेज सकता है। और अगर गारंटर ने जानबूझकर पैसे नहीं चुकाए, तो उसे wilful defaulter मान लिया जाएगा। इससे बैंक का समय बचेगा और रिकवरी की प्रक्रिया भी तेज होगी। पहले बैंक को लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था, लेकिन अब वह सीधे गारंटर के पास जाकर कानूनी और वित्तीय कार्रवाई कर सकता है।
गारंटी देने से पहले लें विशेषज्ञ की सलाह
अगर आप किसी के लिए गारंटी देने की सोच रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप पहले किसी वित्तीय सलाहकार या वकील से राय जरूर लें। क्योंकि एक बार आपने दस्तखत कर दिए, तो वह एक कानूनी बंधन बन जाता है और आप उस लोन के लिए पूरी तरह जिम्मेदार माने जाते हैं। बहुत बार लोग रिश्तेदारी या दोस्ती में आकर बिना पढ़े गारंटी दे देते हैं और बाद में जब परेशानी आती है, तो उन्हें कोई रास्ता नहीं मिलता। इसलिए नियम और शर्तें ध्यान से पढ़ें और यह भी देखें कि आप उस राशि को चुकाने की स्थिति में हैं या नहीं।
जानिए भविष्य में इसका क्या असर पड़ेगा
RBI का यह कदम देश की वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए बेहद जरूरी माना जा रहा है। अब गारंटर भी लोन के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होगा और लोन लेने वाले पर दबाव रहेगा कि वह अपने गारंटर को मुसीबत में न डाले। इससे लोन की रिकवरी आसान होगी और बैंकिंग सिस्टम में विश्वास भी बढ़ेगा। आने वाले समय में हो सकता है कि बैंक गारंटी देने वालों की जांच और सख्त कर दे और उनके इनकम प्रूफ या संपत्ति का भी ब्यौरा मांगे। इसलिए गारंटी अब सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक गंभीर निर्णय बन गया है।
अस्वीकृति
इस लेख में दी गई जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी नवीनतम दिशानिर्देशों और सार्वजनिक रिपोर्टों पर आधारित है। यहां प्रस्तुत सभी तथ्य केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखे गए हैं। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी प्रकार के वित्तीय निर्णय लेने से पहले संबंधित बैंक, वित्तीय संस्थान या अधिकृत सलाहकार से संपर्क अवश्य करें। समय के साथ नियमों में बदलाव संभव है, इसलिए अद्यतन जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है। इस लेख का उद्देश्य आपको जागरूक करना है, यह किसी प्रकार की कानूनी सलाह नहीं है और न ही कोई दावेदारी करता है। कृपया सावधानीपूर्वक निर्णय लें।