Petrol Diesel Price 10 July: देशभर में फ्यूल की कीमतों में बदलाव की खबर ने आम जनता को हैरान कर दिया है। सोशल मीडिया पर तेजी से यह चर्चा हो रही है कि पेट्रोल अब ₹92 लीटर और डीजल ₹84 लीटर में मिलने लगा है। कई राज्यों में इसकी पुष्टि भी हुई है, जबकि कुछ क्षेत्रों में अभी भी पुराने दाम ही लागू हैं। दरअसल, केंद्र सरकार ने हाल ही में एक्साइज ड्यूटी में कटौती की है और इसके बाद कुछ राज्यों ने भी अपने स्तर पर वैट घटाया है। इसका असर साफ तौर पर फ्यूल के दामों पर दिखाई देने लगा है। खासतौर पर उन इलाकों में जहां टैक्स पहले से कम है, वहां पेट्रोल डीजल की कीमतों में स्पष्ट गिरावट देखने को मिली है।
एक्साइज ड्यूटी कटौती
केंद्र सरकार ने जनता को राहत देने के लिए कुछ सप्ताह पहले एक्साइज ड्यूटी में बदलाव किया था। इस फैसले का असर राज्यों में धीरे-धीरे दिखने लगा है। हालांकि, अभी तेल कंपनियों ने खुदरा दरों में बड़ा बदलाव नहीं किया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा जरूर मिलने लगा है। एक्साइज ड्यूटी में कटौती के बाद कई राज्यों ने भी राज्य करों में बदलाव किया, जिससे वहां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आई है। लेकिन यह बात भी सही है कि देशभर में एक समान कीमतें नहीं हैं और हर राज्य की दरें अलग-अलग हैं, क्योंकि राज्य सरकारें अलग-अलग टैक्स लगाती हैं।
किस शहर में कितनी
कुछ खास शहरों में पेट्रोल और डीजल के दाम ₹92 और ₹84 तक आ चुके हैं। जैसे कि पोर्ट ब्लेयर, चंडीगढ़, लेह, और अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों में यह दरें लागू हो चुकी हैं। दूसरी ओर, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे मेट्रो शहरों में पेट्रोल अभी भी ₹94 से ₹98 प्रति लीटर और डीजल ₹87 से ₹90 प्रति लीटर के आसपास मिल रहा है। वहां टैक्स अधिक होने के कारण कीमतें कम नहीं हो पाई हैं। यह भी देखा गया है कि उत्तर भारत के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में भी पेट्रोल डीजल की कीमतें काफी हद तक कम हुई हैं और लोगों को राहत महसूस हो रही है।
तेल कंपनियों की स्थिति
सरकारी तेल कंपनियां जैसे इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम हर दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों की समीक्षा करती हैं। हालांकि, बीते कुछ महीनों से कंपनियों ने खुदरा कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसका कारण वैश्विक बाज़ार में अनिश्चितता और घाटे से बचने की नीति है। कंपनियां अक्सर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार की स्थिरता का इंतजार करती हैं ताकि कीमतों में उतार-चढ़ाव से मुनाफे में फर्क न पड़े। यही वजह है कि कुछ राज्यों में भले ही फ्यूल सस्ता हुआ हो, लेकिन पूरे देश में एक समान राहत अभी तक नहीं मिल पाई है।
आगे क्या होगा
आने वाले समय में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और गिरावट की उम्मीद की जा रही है। कच्चे तेल की कीमतें वैश्विक स्तर पर फिलहाल नीचे चल रही हैं, और अगर यही स्थिति बनी रही, तो भारत में तेल कंपनियों पर भी दबाव बनेगा कि वे खुदरा दरों में कटौती करें। त्योहारों का मौसम पास आ रहा है और सरकार पर जनता को राहत देने का दबाव भी बढ़ेगा। ऐसे में यह संभव है कि सरकार फिर से एक्साइज ड्यूटी में कटौती करे या तेल कंपनियां कीमतों में कुछ बदलाव करें। इस वजह से ग्राहकों को थोड़ी और राहत मिल सकती है।
कीमतों में अंतर
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें राज्य दर राज्य अलग-अलग होती हैं। इसकी मुख्य वजह है राज्यों द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स यानी वैट। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली में जहां वैट कम है, वहां कीमतें तुलनात्मक रूप से सस्ती होती हैं, वहीं मुंबई जैसे शहरों में वैट अधिक होने के कारण कीमतें अधिक रहती हैं। केंद्र सरकार जब एक्साइज ड्यूटी कम करती है, तो उसका असर पूरे देश पर होता है, लेकिन राज्य सरकारों की भूमिका भी अहम होती है। जब तक राज्य वैट कम नहीं करते, तब तक आम जनता को पूरी राहत नहीं मिल पाती है।
सोशल मीडिया की अफवाह
इन दिनों सोशल मीडिया पर कई भ्रामक पोस्ट वायरल हो रही हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि पूरे भारत में पेट्रोल ₹90 से कम और डीजल ₹80 से नीचे मिल रहा है। जबकि यह बात पूरी तरह सही नहीं है। कुछ गिने-चुने राज्यों और शहरों में ही इतनी कम कीमतें देखने को मिली हैं। बाकी जगहों पर अभी भी पुराने दाम ही चल रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग सोशल मीडिया की अफवाहों से बचें और सिर्फ आधिकारिक सरकारी वेबसाइट या विश्वसनीय न्यूज सोर्स से ही जानकारी प्राप्त करें। गलत जानकारी से भ्रम फैलता है और जनता को गलतफहमी होती है।
अस्वीकृति
इस लेख में दी गई सभी जानकारी इंटरनेट और समाचार स्रोतों पर आधारित है। पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर राज्य और शहर में अलग-अलग हो सकती हैं। कृपया किसी भी यात्रा या योजना से पहले अपने शहर की आधिकारिक वेबसाइट या फ्यूल ऐप्स से ताज़ा कीमत की जांच अवश्य करें। यह लेख केवल सामान्य सूचना देने के उद्देश्य से लिखा गया है और इसे किसी प्रकार की आर्थिक सलाह न माना जाए। लेखक किसी भी नुकसान या भ्रम के लिए जिम्मेदार नहीं है जो इस जानकारी पर आधारित हो।