PM Kisan 20th Kist Update: देश के करोड़ों किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त जल्द ही जारी होने जा रही है और इस बार किसानों के खातों में सीधे ₹4000 ट्रांसफर किए जाएंगे। सरकार की तरफ से कहा गया है कि यह अतिरिक्त राशि किसानों को त्योहारों से पहले आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से दी जा रही है। पहले की तरह ₹2000 की किस्त दी जाती थी लेकिन इस बार दो किस्तों को मिलाकर ₹4000 की राशि ट्रांसफर की जाएगी। यह फैसला किसानों की लगातार बढ़ती जरूरतों और महंगाई के असर को देखते हुए लिया गया है। जिन किसानों ने ई-केवाईसी और भूलेख सत्यापन पूरा कर लिया है उन्हें इस बार सीधे लाभ मिलेगा।
खाते में सीधे ट्रांसफर
पीएम किसान योजना के तहत लाभार्थी किसानों को पैसे सीधे उनके बैंक खाते में भेजे जाते हैं। इस बार की 20वीं किस्त भी डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से दी जाएगी जिससे कोई बिचौलिया बीच में न आ सके। सरकार ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि किसानों का बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए और NPCI से मैप होना जरूरी है। जिनका बैंक खाता सही तरीके से अपडेट है उन्हें ₹4000 की पूरी राशि समय पर मिल जाएगी। अगर किसी को पहले की किस्त नहीं मिली तो भी वह इस बार की किस्त के साथ मिलकर आ सकती है।
जानें लिस्ट में नाम
किसानों को यह जानने के लिए कि उनका नाम लाभार्थियों की सूची में है या नहीं, पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वहां “बेनिफिशियरी स्टेटस” ऑप्शन पर क्लिक करके मोबाइल नंबर या आधार नंबर डालना होगा। इसके बाद OTP वेरीफाई करके पूरी जानकारी सामने आ जाएगी। लिस्ट में नाम होने का मतलब है कि किस्त जल्द ही आपके खाते में ट्रांसफर हो जाएगी। अगर नाम नहीं है तो आपको ई-केवाईसी और दस्तावेज अपडेट करने होंगे। सरकार ने यह भी साफ किया है कि अगर नाम सूची में नहीं आया तो तुरंत ग्राम पंचायत या कृषि विभाग से संपर्क करें।
कौन होंगे पात्र
पीएम किसान योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को दिया जाता है जो छोटे और सीमांत किसान हैं और जिनके पास दो हेक्टेयर तक कृषि भूमि है। इसके अलावा जिन किसानों ने अपना आधार नंबर, बैंक खाता और भूमि रिकॉर्ड सही तरीके से अपडेट किया है उन्हें प्राथमिकता दी जाती है। सरकारी कर्मचारी, इनकम टैक्सदाता, बड़े किसान और व्यवसायी इस योजना के पात्र नहीं होते हैं। पात्रता की जांच राज्य सरकार के कृषि विभाग द्वारा की जाती है और इसके लिए विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है। इसलिए जरूरी है कि सभी किसान अपनी पात्रता की पुष्टि समय पर कर लें।
जरूरी है ई-केवाईसी
इस योजना का लाभ उठाने के लिए ई-केवाईसी करना अनिवार्य है। जिन किसानों ने अब तक ई-केवाईसी नहीं कराया है उनका पैसा अटक सकता है। ई-केवाईसी करने के लिए किसान अपने नजदीकी सीएससी केंद्र पर जाकर आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के साथ प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इसके अलावा यह काम योजना की वेबसाइट से भी ओटीपी के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। सरकार ने समय-सीमा तय कर दी है इसलिए अंतिम तारीख से पहले ही ई-केवाईसी करवा लेना जरूरी है। अन्यथा खाते में पैसा नहीं आएगा और आपको अगली किस्त का इंतजार करना पड़ेगा।
किन्हें नहीं मिलेगा लाभ
कुछ किसान ऐसे भी हैं जिन्हें इस योजना से बाहर रखा गया है। जैसे सरकारी नौकरी करने वाले, इनकम टैक्स भरने वाले, विधायक या सांसद और शहरी संपत्ति मालिक इस योजना के पात्र नहीं होते हैं। इसके अलावा यदि किसी किसान के दस्तावेज गलत पाए गए या बैंक खाता आधार से लिंक नहीं है तो उसका नाम सूची से हटाया जा सकता है। कई बार एक ही परिवार के कई सदस्य आवेदन कर देते हैं तो ऐसे मामलों में भी केवल एक को ही लाभ दिया जाता है। इसलिए जरूरी है कि नियमों को ध्यान से पढ़ें और केवल सही जानकारी के आधार पर आवेदन करें।
आगे की प्रक्रिया
सरकार हर चरण की निगरानी कर रही है और किसानों को समय पर पैसा देने की पूरी कोशिश कर रही है। अगर आपका नाम सूची में आ गया है और बैंक खाते में ₹4000 नहीं आए हैं तो कुछ दिनों का इंतजार करें क्योंकि कभी-कभी तकनीकी कारणों से राशि में देरी हो सकती है। यदि देरी ज्यादा हो रही है तो नजदीकी कृषि कार्यालय या जन सेवा केंद्र से संपर्क करें। वहां से आपको ट्रांजैक्शन स्टेटस की जानकारी मिल जाएगी। यदि सबकुछ सही है तो आपको पैसा जरूर मिलेगा। सरकार चाहती है कि हर पात्र किसान तक योजना का लाभ पहुंचाया जाए।
अस्वीकृति
इस लेख में दी गई जानकारी पीएम किसान सम्मान निधि योजना के सार्वजनिक स्रोतों और सरकारी घोषणाओं पर आधारित है। योजना से जुड़े नियम, पात्रता और प्रक्रिया समय-समय पर बदल सकते हैं। इसलिए पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी निर्णय से पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय कृषि कार्यालय से पूरी जानकारी अवश्य लें। यह लेख केवल सामान्य जागरूकता के लिए है और इसे किसी भी कानूनी या सरकारी सलाह के रूप में न लें। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के उपयोग से उत्पन्न किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी स्वीकार नहीं करते हैं।