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चेक करने वालों की मुश्किलें बढ़ीं! ₹50,000 से ऊपर के चेक्स पर सख्त नियम लागू Positive Pay System

Published On: July 17, 2025

Positive Pay System: (PPS) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा शुरू की गई एक सुरक्षा प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य चेक धोखाधड़ी को रोकना है। इसके तहत चेक जारी करने वाला व्यक्ति बैंक को पहले से चेक की जानकारी भेजता है, जिसमें चेक नंबर, तिथि, प्राप्तकर्ता का नाम, राशि आदि शामिल होते हैं। जब चेक क्लीयरिंग के लिए जाता है, तब बैंक इन जानकारियों का मिलान करता है। अगर कोई जानकारी मेल नहीं खाती, तो चेक को होल्ड या रिजेक्ट किया जा सकता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है और मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग या शाखा के माध्यम से की जा सकती है।

₹50,000 से ऊपर पर जरूरी

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अब कई बैंकों ने ₹50,000 से अधिक राशि वाले चेक्स के लिए Positive Pay System को अनिवार्य कर दिया है। यानी अगर आप किसी को ₹50,000 से ज्यादा का चेक जारी कर रहे हैं, तो उसकी जानकारी पहले से बैंक को देनी होगी। ऐसा न करने पर बैंक उस चेक को क्लीयर करने से मना कर सकता है या प्रक्रिया में देरी हो सकती है। हालांकि कुछ बैंकों ने ₹5 लाख तक की राशि पर इस सुविधा को वैकल्पिक रखा है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से ₹50,000 से ऊपर की राशि पर यह नियम तेजी से लागू किया जा रहा है।

ग्राहकों को क्या करना होगा

Positive Pay System का उपयोग करने के लिए ग्राहक को बैंक की मोबाइल ऐप या नेट बैंकिंग में जाकर चेक की जानकारी अपलोड करनी होती है। इसमें आपको चेक नंबर, तारीख, खाता संख्या, प्राप्तकर्ता का नाम और रकम डालनी होती है। कुछ बैंक फोटो अपलोड की सुविधा भी देते हैं ताकि चेक की एक कॉपी वेरिफाई की जा सके। ये जानकारी चेक देने से पहले या उसी दिन देनी चाहिए। अगर आप ऑफलाइन सुविधा चुनते हैं तो बैंक शाखा में जाकर भी जानकारी दे सकते हैं। बिना PPS के उच्च राशि वाला चेक रिजेक्ट हो सकता है।

क्यों लाया गया यह नियम

RBI ने यह नियम इसलिए लाया क्योंकि देशभर में चेक धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ रहे थे। अक्सर पुराने चेक्स में छेड़छाड़, सिग्नेचर फोर्जरी या डुप्लीकेट चेक से पैसे निकाले जाते थे। Positive Pay System से ऐसी धोखाधड़ी रोकने में मदद मिलती है क्योंकि बैंक दोनों पक्षों की जानकारी का मिलान करके ही भुगतान करता है। इससे खाताधारक को मानसिक और आर्थिक सुरक्षा मिलती है और गलत ट्रांजैक्शन की संभावना काफी कम हो जाती है। यह प्रणाली खासकर बड़े लेन-देन में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ावा देती है।

किन बैंकों ने किया लागू

SBI, HDFC, ICICI, Axis Bank, PNB, और Bank of Baroda सहित लगभग सभी प्रमुख बैंकों ने Positive Pay System को लागू कर दिया है। इनमें से कई बैंकों ने ₹50,000 से ऊपर के चेक पर इसे अनिवार्य कर दिया है, जबकि कुछ ने ₹5 लाख से अधिक पर इसे जरूरी किया है। हर बैंक का नियम थोड़ा अलग हो सकता है, इसलिए जरूरी है कि आप अपने बैंक की वेबसाइट या ऐप पर जाकर नियमों की पुष्टि करें। बैंक समय-समय पर SMS और ईमेल के जरिए भी ग्राहकों को इस नियम की जानकारी भेज रहे हैं।

चेक धारकों की सावधानी

यदि आप नियमित रूप से चेक का इस्तेमाल करते हैं, तो अब आपको पहले से अधिक सतर्क रहना होगा। चेक देने से पहले Positive Pay System की प्रक्रिया पूरी करें और जरूरी जानकारी समय पर बैंक को भेजें। किसी भी गलती या देरी से आपका चेक क्लीयर नहीं होगा और भुगतान अटक सकता है। इसके अलावा, चेक पर साफ-सुथरा लेखन करें और सही तारीख व हस्ताक्षर जरूर दें। जिन खातों से आप पेमेंट ले रहे हैं, उनसे भी पुष्टि कर लें कि उन्होंने PPS के तहत चेक जानकारी दी है या नहीं, ताकि लेन-देन में रुकावट न आए।

डिजिटल प्रक्रिया और समय

Positive Pay System की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और त्वरित है। मोबाइल बैंकिंग ऐप या नेट बैंकिंग पर लॉगिन करके महज कुछ मिनटों में आप सारी जानकारी दे सकते हैं। सामान्यतः चेक जारी करने के 24 घंटे के अंदर जानकारी भेजना उपयुक्त होता है। कुछ बैंक इस सुविधा को SMS के माध्यम से भी उपलब्ध कराते हैं। अगर जानकारी समय पर भेज दी जाती है, तो चेक क्लीयरेंस में कोई रुकावट नहीं आती। यह प्रक्रिया एक बार समझ लेने के बाद काफी सरल हो जाती है और ग्राहक की सुरक्षा के लिए अत्यंत प्रभावी मानी जाती है।

आम लोगों पर प्रभाव

इस नियम से सबसे अधिक असर उन लोगों पर पड़ेगा जो बड़ी रकम के लिए अभी भी चेक का उपयोग करते हैं, जैसे व्यापारी, मकान मालिक, बिल्डर या बिजनेस ट्रांजैक्शन करने वाले लोग। ऐसे यूजर्स को अब हर बार चेक देने से पहले Positive Pay सिस्टम का पालन करना होगा। हालांकि आम उपयोगकर्ता जिनका लेन-देन ₹50,000 से कम का है, उन्हें फिलहाल इस नियम से कोई परेशानी नहीं है। लेकिन भविष्य में सभी चेक्स पर यह अनिवार्य हो सकता है। इसलिए सभी ग्राहकों को अभी से इस प्रक्रिया की आदत डालनी चाहिए।

अस्वीकृति

यह ब्लॉग पोस्ट केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। Positive Pay System से संबंधित नियम और प्रक्रिया समय-समय पर बदल सकते हैं और विभिन्न बैंकों में अलग-अलग हो सकते हैं। पाठकों से निवेदन है कि वे अपने संबंधित बैंक की आधिकारिक वेबसाइट, मोबाइल ऐप या शाखा से संपर्क करके अद्यतन जानकारी प्राप्त करें। इस लेख में दी गई जानकारी सावधानीपूर्वक तैयार की गई है, लेकिन किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले अधिकृत स्रोतों से पुष्टि करना आवश्यक है। लेखक इस जानकारी पर आधारित किसी कार्रवाई के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।

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