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लोन लेने वालों के लिए अलर्ट! नई RBI गाइडलाइन से EMI डिफॉल्ट वालों की बढ़ेगी टेंशन RBI EMI Default Guidelines

Published On: July 6, 2025
लोन लेने वालों के लिए अलर्ट! नई RBI गाइडलाइन से EMI डिफॉल्ट वालों की बढ़ेगी टेंशन RBI EMI Default Guidelines

RBI EMI Default Guidelines: भारतीय रिज़र्व बैंक ने लोन लेने वालों के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है जिसका सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो समय पर अपनी EMI जमा नहीं कर पाते हैं। अब EMI डिफॉल्ट करने वालों पर बैंक और सख्त कार्रवाई कर सकेंगे। नई गाइडलाइन के तहत बैंकों को निर्देश दिया गया है कि डिफॉल्टर ग्राहकों की निगरानी और समय पर जानकारी देना जरूरी होगा ताकि उनकी क्रेडिट हिस्ट्री और स्कोर पर असर पड़े। इससे उन लोगों की टेंशन बढ़ सकती है जो बार-बार भुगतान में चूक करते हैं। यह कदम बैंकों की एनपीए स्थिति को सुधारने और क्रेडिट सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है।

समय पर भुगतान की सख्ती

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नए नियमों के मुताबिक अब यदि कोई ग्राहक तय तारीख तक EMI जमा नहीं करता है तो बैंक उसे पहले दिन से डिफॉल्ट मान सकता है। पहले कुछ दिन की छूट मिलती थी लेकिन अब ग्राहकों को तुरंत अलर्ट भेजा जाएगा और 30 दिनों के भीतर समाधान नहीं होने पर मामला रिकवरी एजेंसी को भेजा जा सकता है। इससे बार-बार लेट होने वाले ग्राहकों को झटका लग सकता है क्योंकि उनकी क्रेडिट रिपोर्ट में निगेटिव एंट्री हो जाएगी। इससे भविष्य में किसी भी प्रकार का लोन लेना मुश्किल हो सकता है। बैंक भी अब भुगतान को लेकर और अधिक सतर्क हो गए हैं।

लोन रिस्ट्रक्चरिंग पर असर

नई गाइडलाइन का असर उन लोगों पर भी पड़ेगा जो अपने लोन को रिस्ट्रक्चर कराने की योजना बना रहे थे। अब EMI में चूक करने पर सीधे ग्राहक की पात्रता को प्रभावित किया जाएगा और बैंक रिस्ट्रक्चरिंग की बजाय पहले वसूली प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। खासकर पर्सनल लोन, होम लोन और कार लोन लेने वालों को अब हर महीने EMI की समय पर अदायगी सुनिश्चित करनी होगी। पहले जहां ग्राहक दो या तीन EMI मिस करने पर बातचीत कर लेते थे अब शुरुआती चूक पर ही सख्त रुख अपनाया जाएगा। इससे कर्जदारों को समय पर भुगतान के लिए योजना बनानी होगी।

रिकवरी प्रक्रिया में तेजी

RBI की इस गाइडलाइन के बाद बैंकों को EMI डिफॉल्ट के मामलों में रिकवरी की प्रक्रिया तेज करने की अनुमति मिल गई है। अब बैंक बिना देर किए वसूली एजेंसी को सौंप सकते हैं और कानूनी नोटिस भी जल्दी भेजे जाएंगे। इससे ग्राहक को बार-बार कॉल, नोटिस और यहां तक कि कोर्ट तक का सामना करना पड़ सकता है। अगर कोई बार-बार EMI चूकता है तो उसकी संपत्ति की जब्ती तक की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इससे आम ग्राहकों को तो अलर्ट रहना ही पड़ेगा साथ ही उन लोगों को भी सतर्क रहना होगा जो बिना योजना के लोन लेते हैं।

क्रेडिट स्कोर पर पड़ेगा असर

EMI डिफॉल्ट अब सीधे ग्राहक के CIBIL स्कोर को प्रभावित करेगा। अगर किसी ग्राहक की EMI बकाया रहती है और वह 30 दिन के भीतर भुगतान नहीं करता है तो उसकी क्रेडिट रिपोर्ट में यह दर्ज किया जाएगा और स्कोर गिर सकता है। यह गिरा हुआ स्कोर आगे चलकर किसी भी प्रकार का नया लोन या क्रेडिट कार्ड लेने में अड़चन पैदा कर सकता है। यही नहीं बैंक अब ऐसे ग्राहकों को हाई रिस्क कैटेगरी में रख सकते हैं जिससे ब्याज दर भी बढ़ सकती है। इसलिए अब समय पर EMI चुकाना पहले से ज्यादा जरूरी और अनिवार्य हो गया है।

किन लोन पर लागू होगा नियम

यह नई गाइडलाइन सभी प्रकार के खुदरा लोन पर लागू होगी जिसमें होम लोन, पर्सनल लोन, ऑटो लोन, एजुकेशन लोन, गोल्ड लोन और क्रेडिट कार्ड बकाया भी शामिल है। इसका असर छोटे कारोबारियों और मिडिल क्लास पर सबसे ज्यादा पड़ेगा क्योंकि उनकी आय स्थिर नहीं होती और EMI चुकाने में अक्सर दिक्कत आती है। हालांकि बैंक यह भी कह रहे हैं कि यदि ग्राहक पहले से सूचित करता है या वैध कारण देता है तो कुछ छूट दी जा सकती है लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है। कुल मिलाकर हर ग्राहक को समय पर भुगतान की आदत बनानी ही होगी।

क्या करें ग्राहक

इस सख्त नियम के बाद ग्राहकों को अब अपनी EMI योजना को लेकर और सतर्क रहना होगा। कोशिश करें कि EMI की तारीख से पहले खाते में पर्याप्त राशि हो और भुगतान समय पर हो जाए। अगर किसी महीने में समस्या है तो बैंक को पहले से सूचित करें और समाधान निकालने की कोशिश करें। ऑटो डेबिट की सुविधा अपनाना भी एक विकल्प हो सकता है जिससे समय पर भुगतान हो सके। EMI डिफॉल्ट न सिर्फ आर्थिक बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ा सकता है इसलिए इस पर नियंत्रण रखना अब बेहद जरूरी है।

अस्वीकृति

यह लेख भारतीय रिज़र्व बैंक की नई EMI डिफॉल्ट गाइडलाइन पर आधारित सामान्य जानकारी देने के लिए लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और वित्तीय विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। बैंक और फाइनेंशियल संस्थान समय-समय पर नियमों में बदलाव कर सकते हैं इसलिए किसी भी निर्णय से पहले संबंधित संस्था या बैंक से आधिकारिक जानकारी अवश्य प्राप्त करें। यह लेख किसी कानूनी या वित्तीय सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी लोन या EMI से जुड़ा फैसला सोच-समझकर और पेशेवर सलाह के बाद ही लें।

Rajendra Patel

मैं राजेंद्र पटेल हूँ, वर्तमान में अपनी बी.ए. की पढ़ाई कर रहा हूँ और हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में अपने कौशल को निखार रहा हूँ मुझे पाठकों से जुड़ने वाली और समझने में आसान सामग्री बनाने का शौक है। नई - नई और रोमांचक जानकारी के लिए नियमित रूप से इस वेबसाइट पर विजिट करें

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