RBI New Rules: अगर आपके पास डेबिट या एटीएम कार्ड है और आप अक्सर एटीएम से कैश निकालते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने एटीएम ट्रांजैक्शन से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव का सीधा असर आम उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ने वाला है।
एटीएम ट्रांजैक्शन की संख्या हुई सीमित
नए नियमों के मुताबिक अब आप सिर्फ कुछ ही बार एटीएम से फ्री में कैश निकाल सकेंगे। आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे मेट्रो शहरों में महीने में केवल 3 बार और नॉन-मेट्रो शहरों में 5 बार फ्री एटीएम ट्रांजैक्शन की सुविधा दें। उसके बाद हर ट्रांजैक्शन पर अतिरिक्त चार्ज लगेगा, जिसकी रकम ₹21 तक हो सकती है।
ग्राहकों पर बढ़ेगा वित्तीय दबाव
यह नया नियम आम ग्राहकों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। पहले जहां 5 से 8 बार तक फ्री ट्रांजैक्शन की सुविधा थी, अब उसमें कटौती कर दी गई है। इसका मतलब है कि अगर किसी महीने आपने ज़रूरत से ज़्यादा बार एटीएम से पैसे निकाले, तो हर बार ₹21 अतिरिक्त चार्ज देना होगा। ये रकम धीरे-धीरे आपके मासिक खर्च को बढ़ा सकती है।
बैलेंस इंक्वायरी और मिनी स्टेटमेंट भी नहीं बचे
नई गाइडलाइंस में सिर्फ कैश निकालने पर ही नहीं, बल्कि बैलेंस पूछताछ या मिनी स्टेटमेंट लेने पर भी चार्ज लगाए जाने की चर्चा है। अगर यह लागू होता है, तो हर बार एटीएम से बैलेंस चेक करने पर भी जेब पर असर पड़ेगा।
आरबीआई ने क्यों उठाया यह कदम
आरबीआई का तर्क है कि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना जरूरी है और लगातार बढ़ते एटीएम मेंटेनेंस खर्च को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाए रखने के लिए खर्च को कवर करना जरूरी है, और इसलिए सीमित फ्री ट्रांजैक्शन नीति अपनाई गई है।
डिजिटल ट्रांजैक्शन को प्रोत्साहन
आरबीआई का यह फैसला UPI, नेट बैंकिंग और मोबाइल वॉलेट जैसी सेवाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी लिया गया है। डिजिटल ट्रांजैक्शन न सिर्फ आसान है बल्कि इन पर कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगता। सरकार भी चाहती है कि देश कैशलेस इकोनॉमी की ओर बढ़े। ऐसे में एटीएम पर निर्भरता को सीमित करना रणनीतिक रूप से जरूरी माना जा रहा है।
ग्रामीण ग्राहकों पर असर ज्यादा
ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में रहने वाले ग्राहक अभी भी कैश ट्रांजैक्शन पर निर्भर हैं। ऐसे में नए नियम उनके लिए ज्यादा असुविधाजनक साबित हो सकते हैं। इन क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता अभी कम है और हर कोई UPI या मोबाइल बैंकिंग का उपयोग नहीं करता। इससे उनके खर्च पर सीधा असर होगा और बैंकिंग सेवाएं और महंगी हो जाएंगी।
कैसे बचा सकते हैं अतिरिक्त चार्ज
अगर आप अतिरिक्त चार्ज से बचना चाहते हैं, तो महीने की शुरुआत में एक बार ही ज्यादा कैश निकालें। इसके अलावा, डिजिटल पेमेंट ऑप्शन जैसे यूपीआई, क्यूआर कोड स्कैनिंग या मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल बढ़ाएं। साथ ही कोशिश करें कि एक ही बैंक के एटीएम से पैसे निकालें, क्योंकि अन्य बैंकों के एटीएम पर ट्रांजैक्शन लिमिट और चार्ज जल्दी लागू हो जाते हैं।
बैंक भी बदल सकते हैं अपनी नीति
आरबीआई के नियमों के बाद अब बैंकों पर भी दबाव है कि वे अपने ग्राहकों को जानकारी दें और पारदर्शिता बनाए रखें। आने वाले दिनों में कुछ बैंक ग्राहकों को अतिरिक्त फ्री ट्रांजैक्शन देने की घोषणा कर सकते हैं, लेकिन यह उनकी नीति पर निर्भर करेगा। फिलहाल ज्यादातर बैंक आरबीआई के निर्देशों का पालन कर रहे हैं।
क्या ये नियम सभी कार्ड्स पर लागू होंगे
हां, यह नियम अधिकतर डेबिट कार्ड और एटीएम कार्ड पर लागू होंगे। कुछ प्रीमियम कार्ड या कॉर्पोरेट अकाउंट वाले ग्राहकों को विशेष छूट मिल सकती है, लेकिन आम खाताधारकों के लिए यह नियम अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा।
निष्कर्ष
आरबीआई के नए एटीएम नियमों से आम ग्राहकों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी। जहां एक तरफ डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर कैश पर निर्भर लोगों के लिए यह फैसला भारी पड़ सकता है। ऐसे में समझदारी इसी में है कि एटीएम का उपयोग सोच-समझकर करें और अधिक से अधिक डिजिटल बैंकिंग की ओर बढ़ें।
अस्वीकरण
यह लेख जानकारी देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें दी गई सभी जानकारियां सार्वजनिक स्रोतों और समाचार रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। नियमों में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं। कृपया किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले संबंधित बैंक या आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट से जानकारी की पुष्टि अवश्य करें। लेखक और प्रकाशक किसी प्रकार की हानि या नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।