Rent Agreement Registration : भारत में संपत्ति से जुड़ी लेन-देन प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने 2025 से Power of Attorney (PoA) से संबंधित नियमों में बड़ा बदलाव किया है अब केवल वही पावर ऑफ अटॉर्नी मान्य मानी जाएगी जो उचित प्रक्रिया के तहत रजिस्टर्ड कराई गई हो यह फैसला धोखाधड़ी और जालसाजी से जुड़े मामलों को रोकने के लिए लिया गया है, जिससे संपत्ति मालिक और खरीदार दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके ।
Power of Attorney क्या होती है?
Power of Attorney एक कानूनी दस्तावेज होता है जिसके ज़रिए कोई व्यक्ति (Principal) किसी दूसरे व्यक्ति (Agent) को किसी विशेष कार्य को उसके behalf पर करने का अधिकार देता है यह कार्य संपत्ति बेचना, खरीदना, किराए पर देना, बैंक से लेन-देन आदि हो सकता है ।
रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता
सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब किसी भी अचल संपत्ति से जुड़े Power of Attorney दस्तावेज को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा विशेष रूप से जब कोई व्यक्ति किसी और के नाम पर ज़मीन या मकान की बिक्री करता है, तो उस PoA का रजिस्टर्ड होना जरूरी होगा गैर-पंजीकृत PoA दस्तावेज को अदालत या सरकारी विभागों में मान्यता नहीं दी जाएगी ।
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
- सब-रजिस्ट्रार कार्यालय जाएं: Principal और Agent दोनों को अपने नज़दीकी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय जाना होता है ।
- दस्तावेज़ तैयार करें: पावर ऑफ अटॉर्नी का मसौदा तैयार करवा कर उसे स्टाम्प पेपर पर लिखवाएं ।
- आवश्यक दस्तावेज़ लें:
- आधार कार्ड और पहचान पत्र
- संपत्ति से संबंधित दस्तावेज
- पासपोर्ट साइज फोटो
- दो गवाहों की उपस्थिति
- स्टाम्प शुल्क जमा करें: यह संपत्ति के प्रकार और राज्य के अनुसार अलग-अलग हो सकता है ।
- रजिस्ट्रेशन के बाद दस्तावेज़ की कॉपी प्राप्त करें ।
ऑनलाइन सुविधा
कुछ राज्यों में PoA रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन सुविधा भी शुरू की गई है, जहां आप पहले से स्लॉट बुक कर सकते हैं, दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं और स्टाम्प शुल्क का ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं हालांकि अंतिम सत्यापन के लिए कार्यालय जाना अनिवार्य होता है ।
नियमों में बदलाव का मकसद
यह नियम विशेष रूप से उन मामलों को रोकने के लिए लाया गया है जहां जाली दस्तावेज़ों के ज़रिए लोगों की संपत्ति बेची जाती थी कई बार बुजुर्गों, प्रवासी भारतीयों या महिलाओं की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया जाता था अब केवल रजिस्टर्ड और वैध PoA को ही अदालतों में स्वीकार किया जाएगा ।
कानूनी फायदे
- दोनों पक्षों को कानूनी सुरक्षा मिलती है
- संपत्ति विवाद से बचाव
- दस्तावेजों की पारदर्शिता सुनिश्चित होती है
- अदालत में PoA की वैधता आसानी से साबित की जा सकती है
स्टाम्प शुल्क और लागत
अधिकतर राज्यों में साधारण Power of Attorney के लिए स्टाम्प शुल्क 100 रुपये से शुरू होकर विशेष कार्यों के लिए ₹5000 तक जा सकता है रजिस्ट्रेशन फीस आमतौर पर ₹1000 से ₹3000 तक होती है महिलाओं को कुछ राज्यों में शुल्क में छूट भी दी जाती है ।
विशेष सुझाव
- हमेशा रजिस्टर्ड Power of Attorney ही बनवाएं
- दो गवाहों की उपस्थिति में दस्तावेज़ तैयार कराएं
- संपत्ति से जुड़े मामलों में सीमित और स्पष्ट अधिकार दें
- समय-सीमा निर्धारित करना बेहतर होता है
निष्कर्ष
Power of Attorney को रजिस्टर्ड कराना अब सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक कानूनी आवश्यकता बन चुका है इससे आपकी संपत्ति सुरक्षित रहेगी और भविष्य में किसी विवाद की संभावना भी कम हो जाएगी सरकार का यह कदम निश्चित रूप से संपत्ति बाजार में पारदर्शिता लाने की दिशा में बड़ा सुधार है ।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है अपने राज्य की मौजूदा गाइडलाइन्स की जांच करें और किसी भी कानूनी प्रक्रिया से पहले विशेषज्ञ सलाह अवश्य लें।