Savings Account Minimum Balance: बैंकों ने सेविंग अकाउंट रखने वाले ग्राहकों के लिए एक नया नियम लागू किया है जिससे अब उन्हें और सतर्क रहना होगा। यदि आपके सेविंग अकाउंट में निर्धारित न्यूनतम राशि नहीं रहती है तो अब आपको पेनल्टी भरनी होगी। पहले कुछ बैंक इस नियम को शिथिल रखते थे लेकिन अब लगभग सभी प्रमुख बैंकों ने इसे सख्ती से लागू करना शुरू कर दिया है। बैंक की वेबसाइट या ऐप के माध्यम से ग्राहकों को समय-समय पर न्यूनतम बैलेंस की जानकारी दी जा रही है। यह नियम खासकर उन लोगों को प्रभावित करेगा जो छोटे स्तर पर खाते चलाते हैं और जिनकी मासिक जमा सीमा सीमित होती है। अब लापरवाही करने पर अतिरिक्त चार्ज भरना पड़ेगा।
क्या है न्यूनतम सीमा
हर बैंक अपने सेविंग अकाउंट के लिए न्यूनतम बैलेंस की एक सीमा तय करता है जो ₹500 से ₹10,000 तक हो सकती है। यह सीमा बैंक के प्रकार और स्थान के अनुसार बदलती है जैसे मेट्रो शहरों में यह सीमा अधिक होती है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कम। अगर ग्राहक अपने अकाउंट में इस निर्धारित राशि को बनाए नहीं रखता है तो बैंक मासिक पेनल्टी चार्ज करना शुरू कर देता है। यह चार्ज ₹10 से ₹600 तक हो सकता है जो शेष राशि और कमी की मात्रा पर निर्भर करता है। इसलिए यह जरूरी हो गया है कि ग्राहक समय–समय पर अपना बैलेंस चेक करते रहें।
कैसे होगा चार्ज
मिनिमम बैलेंस न रखने पर बैंक हर महीने के अंत में ऑटोमेटिक पेनल्टी चार्ज कर लेता है। यदि लगातार तीन महीने तक बैलेंस कम रहता है तो यह चार्ज बढ़ भी सकता है। साथ ही, कुछ बैंक टैक्स के साथ चार्ज भी जोड़ते हैं जिससे कुल कटौती अधिक हो जाती है। बैंक ग्राहक को पहले SMS या मेल के माध्यम से अलर्ट भेजते हैं ताकि वह समय रहते राशि जमा कर सके। यदि फिर भी ग्राहक ध्यान नहीं देता तो चार्ज लग जाता है। चार्ज की यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है और ग्राहक के खाते से सीधा कट जाता है।
किन्हें मिलेगा छूट
बैंकों ने कुछ विशेष वर्गों के ग्राहकों को इस चार्ज से छूट देने का प्रावधान भी रखा है। जैसे वरिष्ठ नागरिकों, पेंशनधारकों, छात्रों और जनधन योजना के तहत खोले गए खातों में न्यूनतम बैलेंस की बाध्यता नहीं होती है। इन खातों में ग्राहक जीरो बैलेंस पर भी बैंकिंग सुविधा ले सकते हैं। इसके अलावा, कुछ डिजिटल सेविंग अकाउंट जैसे कि पूरी तरह मोबाइल से खोले गए खाते में भी यह नियम लचीला होता है। हालांकि इसके लिए ग्राहक को बैंक से पहले पुष्टि करनी होती है कि उनका खाता किस श्रेणी में आता है। इसलिए जरूरी है कि ग्राहक अपनी खाते की प्रकृति समझें।
क्या है समाधान
यदि आप बार-बार न्यूनतम बैलेंस नहीं रख पा रहे हैं तो आपको जीरो बैलेंस अकाउंट में ट्रांसफर करने पर विचार करना चाहिए। बैंक अब ऐसे खातों की सुविधा भी देते हैं जिसमें कोई न्यूनतम राशि की बाध्यता नहीं होती है। हालांकि ऐसे खातों में कुछ सीमाएँ होती हैं जैसे मासिक लेन-देन की सीमा या न्यूनतम सुविधाएँ। इसके अलावा आप अपने खाते में एक बार ऑटो-डेबिट अलर्ट भी सेट कर सकते हैं जिससे आपके खाते का बैलेंस कम होते ही अलर्ट मिल जाए। इससे आप समय रहते रकम जमा कर सकते हैं और चार्ज से बच सकते हैं। थोड़ा सतर्क रहना ही इसका सरल समाधान है।
बैंक की मंशा
बैंक यह कदम इसलिए उठा रहे हैं ताकि ग्राहकों को अनुशासित वित्तीय व्यवहार की ओर प्रेरित किया जा सके। न्यूनतम बैलेंस रखने से बैंक को कार्यशील पूंजी मिलती है जिससे वे अन्य ग्राहकों को लोन और सेवाएं देने में सक्षम हो पाते हैं। साथ ही, इससे बैंकिंग सिस्टम में स्थिरता आती है। हालांकि सरकार और आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे इस चार्ज को यथासंभव न्यूनतम रखें ताकि आम जनता पर अतिरिक्त बोझ न पड़े। बैंकों की मंशा ग्राहकों को जागरूक करने और वित्तीय अनुशासन सिखाने की है।
ग्राहक क्या करें
सेविंग अकाउंट रखने वाले ग्राहकों को अब पहले से ज्यादा सतर्क रहना होगा। उन्हें यह समझना होगा कि उनका बैंक किस तरह के खाते के लिए कितनी न्यूनतम राशि की मांग कर रहा है और क्या वे उस सीमा को पूरा कर पा रहे हैं या नहीं। अगर नहीं तो उन्हें अपने खाता प्रकार में बदलाव करवाना चाहिए या वैकल्पिक योजना चुननी चाहिए। ग्राहक चाहे तो अपने खाते में ऑटोमैटिक रिचार्ज की सुविधा भी जोड़ सकते हैं जिससे बैलेंस कम न हो। जागरूकता और नियमित बैलेंस चेक करने की आदत से पेनल्टी से बचा जा सकता है और सेविंग अकाउंट को सुचारू रूप से चलाया जा सकता है।
अस्वीकृति
यह लेख सेविंग अकाउंट और न्यूनतम बैलेंस चार्ज से जुड़ी सार्वजनिक जानकारी पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी सामान्य उद्देश्य के लिए है और यह किसी विशेष बैंक या खाते की सलाह नहीं है। विभिन्न बैंकों की नीतियाँ अलग-अलग होती हैं और समय के साथ इनमें बदलाव संभव है। इसलिए पाठकों से अनुरोध है कि वे अपने बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी शाखा से संपर्क करके सटीक जानकारी प्राप्त करें। लेखक या प्रकाशक इस लेख में दी गई जानकारी के उपयोग से उत्पन्न किसी भी परिणाम या नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।