SBI यानी भारतीय स्टेट बैंक ने अपने करोड़ों ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। अब सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस न रखने पर किसी भी तरह का जुर्माना नहीं लगेगा। यह नियम सभी रेगुलर सेविंग अकाउंट पर लागू होगा। पहले ग्राहकों को शहरी क्षेत्रों में ₹3000, अर्ध-शहरी में ₹2000 और ग्रामीण इलाकों में ₹1000 का औसत न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना जरूरी होता था। ऐसा न करने पर ₹10 से ₹15 तक का चार्ज और टैक्स लिया जाता था। लेकिन अब SBI ने यह नियम पूरी तरह खत्म कर दिया है, जिससे 44 करोड़ से ज्यादा खाताधारकों को सीधा फायदा मिलेगा और उन्हें अब हर महीने बैलेंस की चिंता नहीं करनी होगी।
2020 से लागू है
SBI ने यह बदलाव मार्च 2020 में ही लागू कर दिया था। बैंक की ओर से ऑफिशियली घोषणा की गई कि अब किसी भी ग्राहक को मिनिमम बैलेंस न रखने पर चार्ज नहीं देना होगा। इसके साथ ही SMS अलर्ट के लिए लगने वाले चार्ज को भी खत्म कर दिया गया। अब सभी रेगुलर सेविंग अकाउंट धारकों को यह सुविधा मिलती है। इससे खासकर गरीब, छात्र, किसान और पेंशनभोगियों को बहुत राहत मिली है। बैंकिंग सेवाओं को सरल और सुलभ बनाने के इस कदम की सराहना पूरे देश में की गई। इससे लोगों का बैंक पर भरोसा और भी मजबूत हुआ है।
क्या पहले लगता था
इससे पहले यदि कोई ग्राहक अपने खाते में तय न्यूनतम राशि नहीं रखता था तो उसे हर महीने जुर्माना भरना पड़ता था। जुर्माने की राशि स्थान के अनुसार अलग-अलग होती थी और इसके साथ टैक्स भी जोड़ा जाता था। यह नियम बहुत सारे लोगों के लिए बोझ बन चुका था, खासकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए। SBI को कई बार ग्राहकों से शिकायतें मिल रही थीं कि उन्हें बैलेंस की जानकारी न होने के चलते चार्ज कट जाता है। इन सभी शिकायतों को ध्यान में रखते हुए बैंक ने यह शुल्क पूरी तरह खत्म करने का बड़ा फैसला लिया।
अब क्या फायदा होगा
SBI के इस फैसले के बाद अब खाताधारक को बिना किसी तनाव के खाता चलाने की आजादी मिल गई है। अगर किसी महीने अकाउंट में बैलेंस नहीं भी है तो भी कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी। इससे उन लोगों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा जो अपने खाते का इस्तेमाल केवल सरकारी योजनाओं की रकम पाने या जरूरत पड़ने पर पैसे निकालने के लिए करते हैं। इससे ग्रामीण बैंकिंग को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को बैंकों से जुड़ने में झिझक नहीं होगी। अब ग्राहक बिना किसी चार्ज की चिंता किए अपने पैसे को सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से रख सकते हैं।
सभी खातों पर लागू
यह नियम सिर्फ रेगुलर सेविंग्स अकाउंट तक सीमित नहीं है। इससे पहले जनधन खातों, पेंशन खातों और बेसिक सेविंग्स अकाउंट पर पहले से ही मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता नहीं थी। लेकिन अब रेगुलर सेविंग्स अकाउंट में भी यह नियम खत्म कर दिया गया है। यानी अब SBI के हर प्रकार के बचत खाते पर यह सुविधा लागू हो चुकी है। इससे सभी खाताधारकों को एक समान सुविधा मिल रही है और कोई भेदभाव नहीं रह गया है। बैंक ने यह फैसला सभी ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया है जो वास्तव में एक सराहनीय पहल है।
अन्य बैंकों का असर
SBI के इस फैसले का असर दूसरे बैंकों पर भी दिखने लगा है। हाल ही में PNB और Canara Bank ने भी मिनिमम बैलेंस चार्ज हटाने का फैसला लिया है। PNB ने 1 जुलाई 2025 से जबकि केनरा बैंक ने 1 जून 2025 से यह चार्ज हटा दिया है। जब देश का सबसे बड़ा बैंक ऐसा फैसला करता है तो बाकी बैंक भी ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ऐसे कदम उठाते हैं। इससे ग्राहकों के लिए विकल्प बढ़ते हैं और बैंकिंग सिस्टम ज्यादा ग्राहक हितैषी बनता है। आने वाले समय में और भी बैंक ऐसे फैसले ले सकते हैं जिससे सभी को राहत मिलेगी।
क्या अब चार्ज नहीं
अब SBI के किसी भी सेविंग्स अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। यह नियम स्थायी रूप से लागू कर दिया गया है और इसे लेकर बैंक ने सभी प्लेटफॉर्म पर जानकारी भी जारी की है। हालांकि, कुछ अन्य बैंक अब भी यह चार्ज लेते हैं इसलिए दूसरे बैंक में अकाउंट रखने वाले ग्राहकों को जानकारी जरूर लेनी चाहिए। SBI में अब खाताधारक ₹0 बैलेंस पर भी अपना खाता सक्रिय रख सकते हैं और किसी प्रकार की पेनाल्टी या चार्ज की चिंता नहीं करनी होगी। यह सुविधा ग्राहकों के लिए बहुत ही सुकून देने वाली है।
अस्वीकृति
यह लेख SBI के मिनिमम बैलेंस से जुड़े नए नियमों की जानकारी पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी बैंक की आधिकारिक वेबसाइट और ताजा समाचार रिपोर्टों के अनुसार है। समय के अनुसार बैंक अपनी नीतियों में बदलाव कर सकता है इसलिए किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले SBI की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर अद्यतन जानकारी जरूर लें। यह लेख केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से तैयार किया गया है और यह किसी प्रकार की बैंकिंग या निवेश सलाह नहीं है। सभी निर्णय अपनी स्थिति के अनुसार सोच-समझकर लें।