UPI Transaction Limit 2025: डिजिटल लेन-देन के लिए सबसे अधिक उपयोग होने वाला प्लेटफॉर्म UPI अब नए नियमों के चलते सीमित हो सकता है। खबरों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति दिनभर में 10 से अधिक बार UPI के जरिए पेमेंट करता है, तो उस पर अतिरिक्त चार्ज लग सकता है। यह प्रस्ताव वित्तीय संस्थानों और NPCI के बीच विचाराधीन है, ताकि ट्रांजैक्शन वॉल्यूम को संतुलित किया जा सके और सिस्टम पर अतिरिक्त लोड को कम किया जा सके। हालांकि यह नियम अभी सभी बैंकों या ऐप्स पर लागू नहीं हुआ है, लेकिन जल्द ही इसे सीमित स्तर पर टेस्ट किया जा सकता है।
क्यों लाई जा रही है यह सीमा
भारत में UPI ट्रांजैक्शन की संख्या करोड़ों में पहुंच चुकी है और यह आंकड़ा हर महीने बढ़ता जा रहा है। बैंकिंग सिस्टम और NPCI के सर्वर पर लगातार बढ़ते लोड को देखते हुए इस तरह की लिमिट लगाने का विचार किया गया है। इससे छोटे ट्रांजैक्शन, जो बार-बार किए जाते हैं, को नियंत्रित किया जा सकेगा। साथ ही, इससे सिस्टम की कार्यक्षमता और स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी। इस प्रकार के नियम का उद्देश्य आम यूज़र को हानि पहुंचाना नहीं है बल्कि सिस्टम को संतुलित और सुरक्षित बनाए रखना है।
किन ट्रांजैक्शनों पर लागू होगा
यह प्रस्तावित चार्ज मुख्य रूप से P2P (व्यक्ति से व्यक्ति) और P2M (व्यक्ति से व्यापारी) दोनों प्रकार के लेन-देन पर लागू किया जा सकता है। खासकर वे ट्रांजैक्शन जो ₹50 या ₹100 से कम राशि के होते हैं और दिन में बार-बार दोहराए जाते हैं, उन पर प्राथमिकता से नजर रखी जाएगी। QR कोड स्कैन कर पेमेंट करना, ऑनलाइन ऑर्डर का पेमेंट करना या दोस्तों को पैसे भेजना – इन सभी पर ट्रैकिंग हो सकती है। हालांकि बैंक या यूपीआई ऐप्स कुछ खास ट्रांजैक्शन को इस नियम से छूट भी दे सकते हैं, जैसे मेट्रो टिकट या सरकारी भुगतान।
किसे भरना होगा चार्ज
अगर ये नियम लागू होता है, तो जिन ग्राहकों के ट्रांजैक्शन एक दिन में 10 या उससे अधिक हो जाते हैं, उन्हें 11वें ट्रांजैक्शन से चार्ज देना पड़ सकता है। यह चार्ज ₹1 से ₹5 के बीच हो सकता है, जो ट्रांजैक्शन की राशि पर निर्भर करेगा। कुछ रिपोर्ट के अनुसार, यह चार्ज बैंक या ऐप प्लेटफॉर्म तय करेंगे और सीधे आपके खाते से कट जाएगा। हालांकि यह चार्ज सभी यूज़र्स पर नहीं लगाया जाएगा – नियमित उपभोक्ताओं के साथ-साथ कम आय वर्ग के खाताधारकों को इससे छूट दी जा सकती है।
छोटे व्यापारियों पर असर
छोटे दुकानदार, सब्जी विक्रेता और स्टॉल चलाने वाले लोग दिनभर में कई बार UPI ट्रांजैक्शन करते हैं। अगर ये चार्ज लागू होता है, तो उन्हें या उनके ग्राहकों को हर लेन-देन पर अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ सकता है। इससे डिजिटल भुगतान में गिरावट आने की आशंका भी जताई जा रही है। हालांकि सरकार और बैंक इस नियम को लागू करने से पहले ऐसे व्यापारियों के हितों का ध्यान रखने की बात कह रहे हैं। संभव है कि ₹100 से कम के लेन-देन या निर्धारित व्यापारियों को छूट दी जाए ताकि डिजिटल इंडिया का उद्देश्य कमजोर न हो।
आम लोगों की राय
सोशल मीडिया और पब्लिक फोरम्स पर इस संभावित चार्ज को लेकर लोगों की राय मिली-जुली है। कुछ लोग मानते हैं कि यह नियम डिजिटल ट्रांजैक्शन को सीमित करेगा और कैश के उपयोग को फिर से बढ़ा सकता है। वहीं कुछ का कहना है कि सर्वर पर बढ़ते दबाव को देखते हुए यह जरूरी कदम हो सकता है। हालांकि ज्यादातर लोग मांग कर रहे हैं कि इस नियम को लागू करने से पहले स्पष्ट गाइडलाइन और पारदर्शिता रखी जाए। जनता चाहती है कि उन्हें पहले से बताया जाए कि कब और कैसे चार्ज लागू होंगे और किन पर नहीं।
सरकार की स्थिति
सरकार की ओर से फिलहाल कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन वित्त मंत्रालय और NPCI इस दिशा में गंभीरता से विचार कर रहे हैं। सरकार का कहना है कि वह डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन टेक्निकल लोड और संचालन लागत को लेकर भी संतुलन बनाना जरूरी है। मंत्रालय यह भी सुनिश्चित करना चाहता है कि कोई भी नया चार्ज गरीब वर्ग या छोटे ट्रांजैक्शन करने वाले नागरिकों पर बोझ न डाले। इसलिए यह संभावना जताई जा रही है कि नियम लागू करने से पहले एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसका असर देखा जाएगा।
क्या करें UPI यूजर्स
अगर आप दिनभर में 10 से ज्यादा UPI ट्रांजैक्शन करते हैं, तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। छोटे भुगतान को एक साथ जोड़कर ट्रांजैक्शन की संख्या कम करने की आदत डालें। अगर संभव हो तो दिनभर के खर्च को कैश या अन्य डिजिटल माध्यमों से भी संतुलित करें। आप चाहें तो अपने बैंक या UPI ऐप से भी जानकारी ले सकते हैं कि उनके प्लेटफॉर्म पर चार्ज की कोई योजना है या नहीं। ध्यान रखें कि नियम लागू होने के बाद किसी भी ट्रांजैक्शन से पहले चार्ज का अलर्ट या नोटिफिकेशन जरूर मिलेगा, जिसे नजरअंदाज न करें।
अस्वीकृति
यह लेख केवल सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी प्रस्तावित UPI नियमों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है, जो भविष्य में बदल सकते हैं या लागू न भी हों। पाठकों से निवेदन है कि वे अपने संबंधित बैंक, NPCI या UPI ऐप की आधिकारिक वेबसाइट से नवीनतम और पुष्टि की गई जानकारी प्राप्त करें। इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी के आधार पर किया गया निर्णय पूरी तरह पाठक की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी।